China: भारत के राजा ने किया था चीन पर शासन? इतने साल पहले था भारत का हिस्सा
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China: भारत के राजा ने किया था चीन पर शासन? इतने साल पहले था भारत का हिस्सा

Ancient China: दूसरे देशों समेत भारत की जमीन पर निगाहें गड़ाने वाला चीन हजारों साल पहले भारतीय भूभाग का हिस्सा (China was part of India) हुआ करता था. वर्तमान चीन में कभी भारत के महाना राजाओं का शासन था. इसकी जड़े महाभारतकाल से जुड़ी हैं.

China: भारत के राजा ने किया था चीन पर शासन? इतने साल पहले था भारत का हिस्सा

India China History: कहा जाता है कि एक वक्त ऐसा भी था जब भारत की सीमाएं पूरी दुनियाभर में फैली थीं. यानी भारत के शूर-वीर राजाओं का शासन पूरी धरती पर था. ऐसा नहीं है कि भारत के राजाओं ने हथियारों के दम पर दुनिया पर राज किया हो, बल्कि ऐसा इसलिए था क्योंकि तब यह दुनिया हिंदू शास्त्रों के हिसाब से सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जो मनुष्यों के आदिपिता मनु के भी पिता होने पर परमपिता कहलाते हैं, उनके वंशजों से आबाद थी. सृष्टि की रचना के लिए उन्होंने सबसे पहले 4 पुत्रों सनक, सनन्दन, सनातन और सनतकुमार की उत्पत्ति की. अपने शरीर के अंशों से ही उन्होंने मनु व शतरूपा की उत्पत्ति की, जिनसे फिर मनुष्य की उत्पत्ति हुई.

मंत्रों के 'संकल्प' में भारत का वर्णन

हिंदू धर्म की परंपरा से किसी शुभ कार्य या पूजा पाठ में आज भी जब कोई संकल्प लिया जाता है तो उसे ओम अस्य श्री विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य ब्राहृणां द्वितीये परार्धे श्वेत वाराह कल्पे वैवस्वतमन्वंतरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलियुगे कलि प्रथमचरणे कलिसंवते या युगाब्दे जम्बु द्वीपे, ब्रह्मावर्त देशे, भरत खंडे- अमुक स्थाने- अमुक संवत्सरे- संवत्सर का नाम अमुक अयने- उत्तरायन/दक्षिणायन अमुक ऋतौ- अमुक मासे- महीने का नाम अमुक पक्षे- पक्ष का नाम (शुक्ल या कृष्ण पक्ष) अमुक तिथौ- तिथि का नाम अमुक वासरे- दिन का नाम अमुक समये- दिन में कौन सा समय के साथ पूरा करते हैं. 

जम्बुद्वीप का हिस्सा था चीन

ऊपर लिखे मंत्र में जिस जम्बूद्वीप का जिक्र है उसकी सीमाएं आज के भारत से कहीं ज्यादा दूर तक फैली थीं. ग्रंथों के मुताबिक मनु के पुत्र प्रियव्रत समस्त भू-लोक के स्वामी थे. महाराज प्रियव्रत ने अपने सात पुत्रों को सप्त द्वीपों का स्वामी बनाया था. इनमें आग्नीध्र को जम्बुद्वीप का स्वामी बनाया गया था. चीन उसी जम्बुद्वीप का हिस्सा था, जिसे अब भारत कहते हैं.

इन राजाओं का था चीन पर शासन

कहा जाता है कि इक्ष्वांकु वंश के राजा मांधाता ने भी चीन पर शासन किया था. चीन का भारत से नाता महाभारत काल से भी जुड़ा है. दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य महाभारत में चीन का कई बार जिक्र हुआ है. चीन की चर्चा सर्वप्रथम महाभारत ग्रंथ के आदि पर्व में हुई है. चीन का राजा महाभारत काल में धर्मराज युद्धिष्ठिर के यज्ञ में उनकी आधीनता स्वीकार करने के लिए आया था. भीष्म पितामह ने चीन को भारतीय राजा द्वारा शासित प्रदेशों में से एक बताया था.

महाभारत में कई बार हुआ उल्लेख

महाभारत के आदि पर्व, सभा पर्व, वन पर्व, उद्योग पर्व, भीष्म पर्व एवं शांति पर्व में चीन का जिक्र है. वहीं कुछ जनश्रुतियों के मुताबिक चीन का नाम पहले हरिवर्ष था. कहा जाता है हरिवर्ष का उल्लेख जैन सूत्रग्रंथ 'जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति' और 'विष्णु पुराण' में मिलता है. 

हिंदू मंदिर के रूप में मिला प्रमाण

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 1934 में हुई खुदाई में चीन में कुछ प्राचीन मंदिरों के हिस्से मिले थे. इतिहासकारों के मुताबिक चीन के समुद्र से लगे शहर च्वानजो और उसके आस-पास हिंदू तीर्थस्थल थे. इससे कहा जा सकता है कि चीन कभी भारत का ही हिस्सा रहा होगा.

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